दोस्तों रोज़ा एक बहुत ही महत्पूर्ण इस्लामी इबादत है! दुनिया और आखेरत में इस के कई फ़ायदे हैं जिसका अंदाजा लगा पाना बहुत ही मुश्किल है रमजान मुबारक के महीने में दुनिया भर के सभी मुस्लमान रोज़ा रखते हैं अल्लाह ताला ने इस महीने में अपने सभी बंदों पर रोज़ा रखने का हुकम दिया है.
रोज़ा रखने के लिए सिर्फ भूखा रहना नहीं पड़ता बल्कि कुछ दुआएं भी हैं लेकिन हमें यह मालूम ही नहीं कि Roza Rakhne Ki Dua आखिर है कौन सी, तो दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे रोज़ा रखने की दुआ को हिंदी में सीखें और समझें। आईये जान लेते हैं कि रोज़ा रखने के लिए कौन सी दुआ को पढ़ी जाती है।
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Roza Rakhne Ki Dua |
रमज़ान के महीने में इबादत करने का दोगुना सवाब मिलता है। इसलिए सभी लोग रोज़ा रखने के साथ-साथ कुरान शरीफ की कसरत से तिलावत करते हैं।
रमजान के महीने में अल्लाह की खूब रहमत बरसती है। बुराई पर अच्छाई हावी हो जाती है। इस महीने मुसलमान अपनी चाहतों पर नकेल कस सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं। यह महीना सब्र का महीना भी माना जाता है।
अल्लाह के नबी प्यारे आक़ा सल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया के जिसने भी अल्लाह ताला की राह में एक दिन का रोज़ा रखा अल्लाह ताला उसके चेहरे को जहन्नम से सत्तर साल की मुसाफ़त दूर कर देगा (सहीह बुख़ारी)
Roza Rakhne Ki Dua - रोज़ा रखने की दुआ हिंदी में जाने और सीखें
"व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान"
Roza Rakhne Ki Dua in English - रोज़ा रखने की दुआ
"Wa Bisawmi Ghadinn Nawaiytu Min Shahri Ramadan"
Roza Rakhne Ki Dua in Arabic - रोज़ा रखने की दुआ
"وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ"
रोज़ा रखने की दुआ का तर्जुमा- हिंदी में
"मैं रमज़ान के इस रोज़े की नियत करता/ करती हूं"
Roza Rakhne ka Tarika Kya Hai? रोज़ा रखने का तरीका क्या है
रोज़ा रखने का एक तरीका यह है की रोज़ा रखने के लिए फज्र की अज़ान से पहले सेहरी खाई जाती है। फज़र की अज़ान के बाद अगर सेहरी या कुछ और खाया पिया जाता है तो वह रोज़ा नहीं माना जाता है। इसके अलावा अगर आप पूरे दिन भर भूखा ही रहते हैं। तो आपका रोज़ा रखने का कोई फायदा नहीं होगा,
Roza Rakhne Ki Dua पढ़ना कैसा है?
- इस्लाम में सभी दुआओं को अरबी में पढ़ना बेहतर माना गया है,
- इसलिए रोजा रखने की दुआ को अरबी से पढ़ना बेहतर है,
- लेकिन अगर आप किसी को दुआ मालूम नहीं है तो उसको दुआ मालूम करना चाहिए और जब तक याद ना हो जाये वो शख्स दिल से नियत कर सकता है,
रोज़ा रखने की दुआ और नियत में अंतर क्या है?
Roza Rakhne ki Dua और नियत में कोई ज्यादा अंतर नहीं है, बल्कि नियत हमेशा दिल से होती है, कि मैं ये काम करने जा रहा हूँ या रही हूँ,
- जैसे कि हमने मन ही मन में नियत कर ली “इंशाअल्लाह, मैं कल से रोज़ा रखूँगा या मेरा कल रोज़ा होगा,
- जबकि रोज़ा रखने की दुआ में हम कहते हैं कि “ए अल्लाह, आपके लिए मैंने रोजा रखा है”
- तो दुआ में हम अल्लाह से कहते हैं कि हमने तेरे लिए ही रोजा रखा है,
- और हम जुबान से रोज़ा रखने की दुआ को पढ़ते हैं,
Roza Kholne ki Niyat - Roza Iftar Ki Dua
- रोज़ा खोलने के वक्त को इफ्तार के नाम से जाना जाता है,
- यह वक्त सूरज ढलने के बाद से शुरू होता है
- रोज़ा खोलने से पहले हर मुसलमान को यह दुआ पढ़ना वाजिब है,
- कहा जाता है इस दुआ को पढ़ने से न सिर्फ सवाब बढ़ जाता है, बल्कि खाने में भी बरकत होती है,
- Roza Iftar Ki Dua दुआ खजूर खाने से पहले पढ़ी जाती है और दुआ खत्म होने के बाद ही कुछ खाया जाता है
Roza Iftar Ki Dua in Arabic - रोज़ा इफ्तार की दुआ
"اللهم اني لك صمت وبك أمنت وعليك توكلت وعلى رزقك أفطرت"
Roza Iftar Ki Dua in Hindi -रोज़ा इफ्तार की दुआ हिंदी में
"अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुमतु, व-बिका आमन्तु, व-अलयका तवक्कालतू, व- अला रिज़क़िका अफतरतू"
Roza Iftar Ki Dua in English - रोज़ा इफ्तार की दुआ
“Allahumma Inni Laka Sumtu Wa Bika Aamantu Wa Alayka Tawakkaltu Wa Ala Rizqika Aftartu”
रोज़े से जुड़े सवालात और जवाबात
सवाल : – रोजा रखने की दुआ क्या होती है?
जवाब: – रोजा रखने की दुआ होती है, "व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान"
सवाल : – सेहरी की नियत कैसे बनते हैं?
जवाब: – सहरी की नियत करने के लिए सबसे पहले अरबी में सहरी की नियत: "وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ" पढ़ना चाहिए और दिल से नियत करना चाहिए की आपने सहरी किस काम के लिए खायी थी।
सवाल : - रोज़े में क्या नहीं करना चाहिए?
जवाब: – रोजे के दौरान हमें बेकार की बातों से बचना चाहिए, गलत बातों को सुनने से बचना चाहिए, गंदे चुटकले नहीं कहना चाहिए, अश्लील या अभद्र कार्य नहीं करना चाहिए और भी अनैतिक व्यवहार करने से बचें।
Conclusion
हमें उम्मीद है कि आपको ये तमाम दुआएं समझ में आ गई होंगी, अगर आपको कोई और दुआ पूछनी है, तो हमें नीचेदिए गए Comment कमेंट करके बताएं,
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