Darood Sharif पढ़ने Ki Fazila - 10 छोटी, बड़ी, दरूद शरीफ हिंदी में लिखा हुआ

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अस्सलामो अलैकुम- मेरे प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो बहनों Darood Sharif पढ़ने Ki Fazilat बहुत है, जिसके बारें में पहले ही बताया है दुरूद शरीफ पढ़ने की क्या फायदे हैं, आज हम आपके लिए 10 छोटी, बड़ी, दरूद शरीफ हिंदी में लिखा हुआ लेकर हाजिर है आइयें पढ़े और सभी इस्लामी भाइयो बहनों के साथ जरूर शेयर करे |

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Darood Sharif पढ़ने Ki Fazila - 10 छोटी, बड़ी, दरूद शरीफ हिंदी में लिखा हुआ


Darood Sharif Padhne ka Fayeda | दरूद शरीफ पढ़ने के फायदे

वैसे तो दरूद शरीफ पढ़ने के बहुत सारे फायदे है जिनको सारा बताना बहुत मुश्किल है,
अल्लाह पाक कुरान की सूरह अल-एह्ज़ाब में मुसलमानों को मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर दुरूद भेजने का हुकुम देते हैं,

बेशक अल्लाह और उसके फ़रिश्ते दरूद भेजते हैं नबी पर। ए ईमान वालो, तुम भी उन पर दरूद भेजो और सलाम भेजो,अल-क़ुरआन सूरत अल्लाहज़ अब:५
जो मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और उनके परिवार पर एक दुरूद भेजता है, अल्लाह उसके ऊपर 10 दरूद भेजते है, उसके 10 गुनाह माफ़ कर देता है, और 10 नेकी उसके नामए आमाल में लिख देता है,


Darood Sharif पढ़ने Ki Fazilat । दरूद शरीफ की बरकतें।


Darood Sharif पढ़ने Ki बहुत Fazilat है, नबी करीम सल्ललाहू तआला अलैहि वसल्लम फ़रमाते हैं कि अगर बन्दा दुआ करे और दरूद ना पढ़ें तो उसकी दुआ जमीन और आसमान के दरम्यान लटकती रहती है , लेकिन अगर कोई Darood Sharif पढ़ लें, और उसके बाद दुआ करे तो अल्लाह तआला उसकी दुआ को जरूर क़बूल फरमाते हैं।आका फरमाते हैं अर्श के नीचे एक फरिश्ता है, जिसका सर अर्श से लगा हुआ है और जिसके पैर तहतुसरा मे है, उसका एक बाजू मसरिक की तरफ है और दुसरा बाजू मगरीब की तरफ है, जब कोई बन्दा मोमिन आका पर मोहब्बत के साथ Darood Sharif पढ़ता है तो अल्लाह उस फ़रिश्ते को हुक्म देता है के वो नूर के दरिया में गोता लगाएं, तो फ़रिश्ता नूर की दरिया में गोता लगाता है, और बाहर आने के बाद अपने परों को झाड़ने लगता है, नबी करीम सल्ललाहू अलैहि वसल्लम फरमाते हैं, जब वो अपने परों को झाड़ता है उसके परों से नूर के कतरे गिरते हैं और हर कतरे से अल्लाह तआला फ़रिश्ते पैदा फरमाते हैं, और जितने हजारों लाखों करोड़ों फ़रिश्ते पैदा होते है वो सब फ़रिश्ते क़यामत तक उसका नाम लेकर मगफिरत की दुआं करते हैं जिस के दरूद से वो पैदा हुए हैं, सोचिये आपके दरूद से फ़रिश्ते पैदा होते है,


10 छोटी, बड़ी, दरूद शरीफ हिंदी में लिखा हुआ


1. दुरूदे इब्राहीमी

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिवॅं व अ़ला आलि सय्येदिना मुहम्मदिन कमा स़ल्लेता अ़ला सय्यिदिना इब्राहिमा व अ़ला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा इन्नका हमीदुम मजीद।

अल्लाहुम्मा् बारिक अ़ला सय्येदिना मुहम्मदिवॅं व अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन कमा बारक-ता अ़ला सय्यिदिना इब्राहिमा व अ़ला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा् इन्नका् हमीदुम मजीद।

दुरूदे इब्राहीमी सभी दुरूदो से अफजल दुरुद है, दुरूदे इब्राहीमी को नमाज़ में भी पढ़ा जाता है इसलिए ये Darood Sharif हम सबको याद होना चाहिए,


2. रोज़ी में बरकत

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन अ़ब्दिका व रसूलिका व स़ल्लि अ़लल मुअ्मिनीना व मुअ्मिनाति वल मुस्लिमीना वल मुस्लिमाति,

जिस शख्स की ये ख्वाहिश हाे कि उसका माल बढ जाए, वो इस Darood Sharif को पढा करै,


3. अस्सी साल की इबादत का सवाब

अल्लाहुम्मा स़ल्लि अ़ला मुहम्मदि निन नबीय्यिल उम्मिय्यि व अ़ला आलिही व सल्लिम तस्लीमा,

जुमअ के दिन जहॉ नमाजे अस्र पढी हो उसी जगह उठने से पहले अस्सी मर्तबा ये दुरूद शरीफ़ Darood Sharif पढ़ने से अस्सी साल के गुनाह मुआफ होते हैं, और अस्सी साल की इबादत का सवाब मिलता है,


4. दुरूदे इस्मे अअज़म

अल्लाहु रब्बु मुहम्मदिन स़ल्ला अ़लैंहि वसल्लमा, नहनु इबादु मुहम्मदिन स़ल्ला अ़लैहि वसल्लमा,

ये दुरूद शरीफ़ Darood Sharif कम को क्या सौ मर्तबा रोजाना अपना मअमूल बना लीजिए, फिर इसकी बरकात देखिए कि दीन व दुनिया के हर काम मेंकामयाबी आपके क़दम चूमेगी नाकामी की बादे ख़ज़ाँ कभी दूर से भी नहीं गुज़रेगी,


5. खजिनए फ़ज़ाइलो बरकात

सल्लल्लाहु अ़लन-नबीय्यिल उम्मिय्यि व आलिही सल्लल्लाहु अ़लेहि वसल्लमा् सलातवें व सलामन अलैका् या रसूलल्लाह

ये दुरूद शरीफ़ Darood Sharif हर नमाज़ खुसूसन नमाजे जुम्मा के बाद मदीना मुनव्वरा की जानिब मुँह करके सौ मर्तबा पढने से बे-शुमार फ़जाएलाे बरकात हासिल होते हैं,


6. तमाम औकात में दुरूद शरीफ़

अल्लाहुम्मा स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन फी अव्वलि कलामिना,

अल्लाहुम्मा स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन फी औ-सति कलामिना,

अल्लाहुम्मा स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन फी आख़िरि कलामिना,

शैखुल इस्लाम अबुल अब्बास ने फ़रमाया जाे शख्स दिन और रात मेंतीन तीन मर्तबा ये दुरूद शरीफ Darood Sharif पढे वाे गाेया रात व दिन के तमाम औकात में दुरूद भेंजता रहा,


7. दस नेकिया

मौलाया स़ल्लि व स़ल्लिम दाइमन अ़-ब-दन अ़ला ह़बीबिका् खै़रिल-ख़ल्क़ि कु़ल्लिहिमी,

अल्लाह तआला दुरूद शरीफ़ Darood Sharif पढ़ने वाले के लिए दस नेकियाँ लिख देता है, उसके दस दर्ज़े बुलंद कर देता है और दस गुनाह मुआफ कर देता है,


8. दोज़ख़ से नजात

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदि निन नबीय्यिल उम्मिय्यि व अ़ला आलिही वसल्लिम,

हजरत खल्लाद रहमतुल्लाह अलैह जुम्मा के दिन ये दुरूद शरीफ़ एक हजार मर्तबा पढा करते थे, उनके इन्तिकाल के बाद उनके तकिया के नीचे से एक कागज मिला जिस पर लिखा हुआ था, कि ये ख़ल्लाद दिन कसीर के लिए दोजख़ से आजादी का परवाना है,


9. जन्नत में ठिकाना

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदि निन नबीय्यिल उम्मिय्यि अ़लैंहिस-सलामु,

जुम्मा के दिन एक हजार मर्तबा ये दुरूद शरीफ़ Darood Sharif पढने वाले को मरने से पहले जन्नत यें उसका ठिकाना दिखा दिया जाएगा,


10 . दीदारे सरकारे दो आलम स़ल्ललाहु तअ़ाला अ़लैहि व् सल्लम,

अल्लाहुम्मा् स़ल्लि व स़ल्लिम व बारिक अ़ला सय्यिदिना व मौलाना मुह़म्मदि-निन नबीय्यिल उम्मिय्यि ह़बीबिल अ़ालियि क़द्रिल अ़ज़ीमिल जाहि व अ़ला आलिही व स़ह्बिही व सल्लिम,

बुजुर्गो ने फ़रमाया की जो शख्स हर शबे जुम्मा, जुमेरात, और जुम्मा, की दरमियानी रात इस दुरूद शरीफ़ Darood Sharif को पाबंदी से कम से कम एक बार पढ़ेगा, मौत के वक़्त सरकारे दो आलम स़ल्ललाहु तअ़ाला अ़लैहि व् सल्लम की ज़ियारत करेगा, और क़ब्र में दाखिल होते वक़्त भी देखेगा की सरकार उसे क़ब्र में अपने रहमत भरे हाथो से उतार रहे है,


Conclusion,

उम्मीद करते हैं के आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, इसी तरह का इस्लामिक ज्ञान और जानकारी सीखना चाहते हैं तो इस पोस्ट के अपने दोस्तों और फॅमिली के साथ सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करे खुदा हाफिज।

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