Fatiha Padhne ka Aasan Tarika - Full Guide Fatiha ka Tarika

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दोस्तों आज मै आपको फातिहा पढ़ने का असान तरीका बताने वाला हूँ.
Fatiha Padhne ka Aasan Tarika बहुत ही आसान और साधारण हिंदी भाषा में लिखी गई है अगर आप भी सीखना चाहते है Fatiha Padhne ka Aasan Tarika, तो एक बार पूरी इस पोस्ट को धयान से पढ़े. Fatiha ka Tarika हिंदी में लिखी हुई है. तो आइये जाने फातिहा कैसे पढ़े.

(toc)


Fatiha Padhne ka Aasan Tarika - Full Guide Fatiha ka Tarika



फातिहा क्या है?


फातिहा यानि दुरूद आयत सूरह को पढ़कर किसी भी ख़ास को सवाब पहुंचाना फातिहा कहलाता है।


फातिहा में क्या क्या पढ़ा जाता है?

1) सबसे पहले,दरूद शरीफ,

2) फिर 1 मर्तबा, सुरह काफिरुन,

3) फिर 3 मर्तबा, सुरह इख्लास,

4) फिर 1 मर्तबा, सुरह फलक,

5) फिर 1 मर्तबा, सुरह नास,

6) फिर 1 मर्तबा, सुरह फातिहा,

7) फिर - सुरह बकराह,

8) फिर पांच आयात (आयत ए खामसह),

9) फिर इसके बाद एक मर्ताबा दरूद शरीफ पढ़ें,


फातिहा पढ़ने का असान तरीका?


भाइयों फातिहा पढ़ने का आसान तरीका यूँ है,
सबसे पहले बावुजू क़िबला रुख होकर बैठ जाए
इसके बाद जिस भी तबर्रुक (खाने की चीज) पर नियाज या फातिहा देना चाहते है,
उस तबर्रुक यानी खाने की चीज को सामने रखे
फातिहा देने से पहले अगरबत्ती जला दें
फिर फातिहा देने का इस आसान तरीका से पूरा करें
अब जो भी लिखा जा रहा है उसे धयान से पढ़े-


सबसे पहले तीन या पांच या सात बार दुरुद शरीफ पढ़ें.फिर कुरआन शरीफ की सूरतें पढ़ें!


1) दरूद शरीफ !

(3 मर्ताबा पढ़े )
'' बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम ''
अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मदिन कमा सललेता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद.
अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद.


اللّٰہُمَ صَلِّ عَلٰی مُحَمَّدٍ وَّ عَلٰٓی اٰلِ مُحَّمَدٍکَمَا صَلَّیْتَ عَلٰٓی اِبْرٰھِیْمَ وَعَلٰٓی اٰلِ اِبْرٰہِیْمَ اِنَّکَ حَمِیْدٌ مَجِیْدٌ اللّٰہُمَ بَارِکْ عَلٰی مُحَمَّد ٍوَّ عَلٰٓی اٰلِ مُحَّمَدٍکَمَابَارَکْتَ عَلٰٓی اِبْرٰھِیْمَ وَعَلٰٓی اٰلِ اِبْرٰہِیْمَ اِنَّکَ حَمِیْدٌ مَجِیْدٌ



2) फिर सुरह काफिरुन !

(1 मर्ताबा पढ़े )
'' बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम ''
कुल या अय्युहल काफिरून
ला अ अबुदु मा तअ’बुदून
वला अन्तुम आ बिदूना मा अ’अबुद
वला अना आबिदुम मा अबत तुम
वला अन्तुम आबिदूना मा अअ’बुद
लकुम दीनुकुम वलिय दीन.


Qul Yaa-ai yuhal Kafiroon
Laa a’Budu Ma Tabudoon
Wa Laa Antum Aabidoona Maa a’bud
Wa Laa Ana Abidum Maa ‘abattum
Wa Laa Antum Aabidoona Ma a’bud
Lakum Deenukum Wa Liya Deen.

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
قُلْ يَا أَيُّهَا الْكَافِرُونَ
لَا أَعْبُدُ مَا تَعْبُدُونَ
وَلَا أَنْتُمْ عَابِدُونَ مَا أَعْبُدُ
وَلَا أَنَا عَابِدٌ مَا عَبَدْتُمْ
وَلَا أَنْتُمْ عَابِدُونَ مَا أَعْبُدُ
لَكُمْ دِينُكُمْ وَلِيَ دِينِ



3) फिर सुरह इख्लास !

(3 मर्ताबा पढ़े )
'' बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम ''
कुल हु वल्लाहु अहद
अल्लाहुस समद लम यलिद वलम यूलद
व लम यकुल्लहू कुफुवन अहद.


Qul huwal Lahul Ahad
Allahus Samad
Lam yalid walam yuulad
Walam yakun lahu qufuwan Ahad.

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
قُلْ هُوَ اللَّهُ أَحَدٌ
اللَّهُ الصَّمَدُ
لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُولَدْ
وَلَمْ يَكُنْ لَهُ كُفُوًا أَحَدٌ


4) फिर सुरह फलक !

(1 मर्ताबा पढ़े )
'' बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम ''
कुल आउजु बिरब्बिल फलक
मिन शर्रि मा खलक
वमिन शर्रि गासिकिन इजा वकब
वमिन शर्रिन नफ्फासाती फिल उकद
वमिन शर्रि हासिदिन इजा हसद.

Qul Auzu Bi Rabbil Falaq
Min Sharri Ma Khalaq
Wa Min Sharri Ghasiqin Iza Waqab
Wa Min Sharri Naffaa Saati Fil Uqad
Wamin Sharri Hasidin Itha Hasad.

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ
مِنْ شَرِّ مَا خَلَقَ
وَمِنْ شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ
وَمِنْ شَرِّ النَّفَّاثَاتِ فِي الْعُقَدِ
وَمِنْ شَرِّ حَاسِدٍ إِذَا حَسَدَ



5) फिर सुरह नास !

(1 मर्ताबा पढ़े)
'' बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम ''
कुल आउजु बिरबबिन नास
मलिकि नास
इलाहीन नास
मिन शररिल वसवासिल खन्नास
अललज़ी युवस विसू फी सुदूरिन नास
मिनल जिन्नति वन्नास.

Qul Auzu Bi Rabbin Nas
Malikin Nas
ilaahin Nas
Min Sharril Was Waasil Khannaas
Al Lazee Yuwas Wisu Fee Sudoorin Naas
Minal Jinnati Wan Naas.

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ النَّاسِ
مَلِكِ النَّاسِ
إِلَٰهِ النَّاسِ
مِنْ شَرِّ الْوَسْوَاسِ الْخَنَّاسِ
الَّذِي يُوَسْوِسُ فِي صُدُورِ النَّاسِ
مِنَ الْجِنَّةِ وَالنَّاسِ



6) फिर सुरह फातिहा !

(1 मर्ताबा पढ़े )
'' बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम ''
अलहमदु लिल्लाही रबबिल आलमीन
अर्राहमानिर रहीम
मालिकि यउमिददीन
इययाका नाबुदु व इययाका नस्तईन
इहदिनस सिरातल मुस्तकीम
सिरातल लज़ीना अन अमता अलैहिम
गैरिल मगजूबि अलैहिम वलज़ ज्वाललीन.

Alhamdu Lillaahi Rabbil Aalameen
Ar-Rahmaanir-Raheem
Maaliki Yawmid-Deen
Iyyaaka na’budu Wa lyyaaka Nasta’een
Ihdinas-Siraatal-Mustaqeem
Siraatal Lazeena An’amta Alaihim
Ghayril Maghdoobi Alaihim Wa Lad-daaalleen.

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
الْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ
الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
مَالِكِ يَوْمِ الدِّينِ
إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ
اهْدِنَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِيمَ
صِرَاطَ الَّذِينَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ
غَيْرِ الْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلَا الضَّالِّينَ


7) फिर सुरह बकराह !

(1 मर्ताबा पढ़े )
'' बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम ''
अलिफ़ लाम मीम जालिकल किताबु ला रैबा फीही हुदल लील मुत्तकीन अल लजीना यूमीनूना बिल गैबि व युकीमुनस सलाता वा मिम्मा रजक नाहूम यूनफीकुना वल लज़ीना यूमीनूना बिमा उनजिला इलैका वमा उनजिला मिन कबलिका व बिल आखिरती हुम यूकिनून उलाइका अला हुदम मिर रबबिहिम व उलाइका हुमूल मुफलिहून.

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
الٓمٓ
ذَٰلِكَ الْكِتَابُ لَا رَيْبَ ۛ فِيهِ ۛ هُدًى لِلْمُتَّقِينَ
الَّذِينَ يُؤْمِنُونَ بِالْغَيْبِ وَيُقِيمُونَ الصَّلَاةَ وَمِمَّا رَزَقْنَاهُمْ يُنْفِقُونَ
وَالَّذِينَ يُؤْمِنُونَ بِمَا أُنْزِلَ إِلَيْكَ وَمَا أُنْزِلَ مِنْ قَبْلِكَ وَبِالْآخِرَةِ هُمْ يُوقِنُونَ
أُولَٰئِكَ عَلَىٰ هُدًى مِنْ رَبِّهِمْ ۖ وَأُولَٰئِكَ هُمُ الْمُفْلِحُونَ




8) फिर येह पांच आयात पढ़िये! (आयत ए खामसह)

(1 मर्ताबा पढ़े )
'' बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम ''
व इलाहुकुम इलाहौ वाहिद ला इलाहा इल्ला हुवर रहमानुर रहीम।
इन्ना रहमतल लाही करीबुम मिनल मुहसिनीन।
वमा अर्सलनाका इल्ला रहमतल लील आलमीन मा काना मुहममदुन अबा अहादिम मिर रिजालिकुम वलाकिर रसूलल-लाही व खातमन नबी यीना वा कानल-लाहु बिकुलली शइन अलीमा।
इननल लाहा वा मलाइका तहू युसल-लूना अलन नबीयी या अययुहल लज़ीना आमनु सल्लू अलैहि वसल-लीमु तसलीमा.



Fatiha Padhne ka Aasan Tarika - Full Guide Fatiha ka Tarika




9) फिर इसके बाद अब एक मर्ताबा दरूद शरीफ पढ़ें,


सल्लला लाहु आलन नबीईल उम्मियी व आलिही सल्लल लाहू अलैही वसल्लम सलातांव वस सलामन अलैकया या रसूलल्लाह.

Sallal Laahu Alan Nabiyil Ummiyi Wa Aalihi Sallal Laahu Alaihi Wasallam Salaataw Was Salaaman Alaika Ya Rasoolallah.





फिर अब यह पढ़े !


अला इन्ना औलिया अल्लाही ला ख़ौफ़ुन अलैहिम वलाहूम यहज़नून अल्लज़ीना आमनु वकानू अत्तकुन, सुब्हाना रब्बिका रब्बिल इज़्ज़ति अम्मा यसीफ़ून व सलामुन अलल मुरसलीन वल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन,

ये पढ़ कर अल फातिहा कहें इसके बाद फिर आप दुआ मांगिये और इसाले सवाब कीजिये जो दुआ करनी हो वो दुआ करें। आपको समझने के लिए हमने दुआ की तरकिब बताई है



फातिहा में दुआ मांगने का तरीका !    Fatiha Me Dua Mangne Ka Tarika !


ए अल्लाह मैंने तेरे बारगाह में कुरान शरीफ की तिलावत की और दरूद शरीफ पढ़ा ए अल्लाह इसे पढ़ने में जो भी गलतिया हुई है इसे अपने फज्लो करम से माफ़ फरमा और इस सिरनि शरीफ और पानी का सबसे पहले इसका सवाब सरकारे दोआलम सल्लाहु अलैहि वसल्लम के मुक़द्दस बारगाह में तोह्फतन हदियातन पेस करते है कबूल फरमा,

हज़रत आदम अलैहि वसल्लम से लेकर हज़रते इसा अलैहि वसल्लम तक कमो बेस एक लाख चौबीस हजार अम्बियाए मुर्सलीन के बारगाह में ये सिरनि शरीफ पेस करते है मौला कबूल फरमा,

हुजूर के शहाबा शहाबिया अहले बैत अतहार अज़्वाजे मोतहरात जुमला शहीदाने कर्बला जुमला शहाबा तबाईन तबे तबाईन आइममे मुजतहइन बुजुर्गाने दिन मुत्तक़ीन सालेहीन मोमेनीन के अरवाहे को पेस करते है कबूल फरमा,

इसका सवाब दस्तगीर रौशन जमीर हजरते गौसे आज़म रज़ि अल्लाहो तआला अन्हा और ख्वाजा ए ख्वाजा हिंदल वली अजमेरी चिस्ती के बारगाह में पेश करते है क़ुबूल फ़रमा,

इस दुनिया से जितनेभी मोमिन व् मोमिनात गुजर चुके है उनकी बखसीस फरमा और उनको जन्नत में आला से आला मकाम अता फरमा ( आमीन सुम्मा आमीन )



आखिरी बात !

दोस्तों आज अपने बहुत कुछ सिखा उम्मीद करते हैं आप ने फातिहा करने का सही तरीका मुकम्मल जाना हैं, ईसे पढ़ने के बाद आप यकीनन आसानी से समझ गए होंगे Fatiha Padhne ka Aasan Tarika,
 
दोस्तों अगर इस पोस्ट को पढ़ने में कही भी किसी किस्म की गलती हो या कुछ ऐसा जानकारी आपको पता हो जो यहाँ पर नहीं दिया गया है तो निचे कमेंट जरुर करे मुझे ख़ुशी होगी।

इसी तरह का इस्लामिक ज्ञान जानकारी सीखना चाहते है तो इस पोस्ट के अपने दोस्तों और फॅमिली के साथ सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करे खुदा हाफिज।

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